Mumtaz Biograph
उन्होंने शुरुवात करी बताओ स्टंट हिरोइन एक्शन फिल्मों में काम करते करते है ये बन गईं बेहतरीन रोमांटिग हेरोइन नाम मुमताज़ जन्म इकतीस जुलाई सन मुंबई में हुआ पिता का नाम अब्दुल सलीम अस्करी माता शादी हवी आगा चीटियां चलने वाली ढाणी मात्र बारह साल की इनमें मुमताज़ ने फिल्मों में कदम रखा साठ के दशक
में मुमताज़ बतौर जूनियर आर्टिस्ट काम किया करती थी एक्सप्रेस के छोटे मोटे रोल निभाते निभाते हैं ये बन गयी रेसलर से हीरो बने तार आतंकी हीरो हिन्दी गाने एट्टी निजी इतना मान्न ये किस्सा मशहूर है की के साथ कोई
फ़िल्म हिरोइन काम नहीं करना चाह रही थी और प्रड्यूसर डायरेक्टर परेशान थे कि कहाँ से हेरोइन लाए ऐसे में डायरेक्टर की नजर मुमताज़ पड़ी और उन्होंने दारा सिंह जी से कहा क्या यह हेरोइन चलेगी इस पर महान
रेसलर ने बोला की मुझे अपनी फ़िल्म से मतलब है जो इन आप कोई भी रखें अजू मुमताज़ एक्स्ट्रा से बन गयी फिर मीटर फिल्मों रहीं बॉक्स सैमसन चार जन किंग कांग और इस तरह मुमताज़ के ऊपर एक लेबल लगाया यह सिर्फ एक्शन हीरोज के साथ ही काम कर सकती है गौर करने वाली बात यह कि वह दौर रोमेंटिक फिल्मों
का दौर था ऐसे में कोई बड़ा प्रतिशत और बड़ा हीरो मुमताज़ के साथ क्यों काम करता है और धीरे धीरे स्पोर्टिंग रोज़ करते हुए मुमताज़ ने अपनी जगह मैन्स टीम रोमेंटिक सिनेमा में भी बना ली फ़िल्म मेरे सनम में उनके काम को सराहा गया और किस्मत वो प्रति खायी दिलीप कुमार की हीरोइन मुमताज़ को बनायी गयी फ़िल्म राम और श्याम में दिMumtaz Biographलीप साहब के साथ मुमताज़ का काम खुद सराहा गया मेरी दूरों
Mumtaz Biograph
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Mumtaz Biography in Hindi | मुमताज की जीवनी | Mumtaz Biography |
उन्होंने शुरुवात करी बताओ स्टंट हिरोइन एक्शन फिल्मों में काम करते करते है ये बन गईं बेहतरीन रोमांटिग हेरोइन नाम मुमताज़ जन्म इकतीस जुलाई सन मुंबई में हुआ पिता का नाम अब्दुल सलीम अस्करी माता शादी हवी आगा चीटियां चलने वाली ढाणी मात्र बारह साल की इनमें मुमताज़ ने फिल्मों में कदम रखा साठ के दशक
में मुमताज़ बतौर जूनियर आर्टिस्ट काम किया करती थी एक्सप्रेस के छोटे मोटे रोल निभाते निभाते हैं ये बन गयी रेसलर से हीरो बने तार आतंकी हीरो हिन्दी गाने एट्टी निजी इतना मान्न ये किस्सा मशहूर है की के साथ कोई
फ़िल्म हिरोइन काम नहीं करना चाह रही थी और प्रड्यूसर डायरेक्टर परेशान थे कि कहाँ से हेरोइन लाए ऐसे में डायरेक्टर की नजर मुमताज़ पड़ी और उन्होंने दारा सिंह जी से कहा क्या यह हेरोइन चलेगी इस पर महान
रेसलर ने बोला की मुझे अपनी फ़िल्म से मतलब है जो इन आप कोई भी रखें अजू मुमताज़ एक्स्ट्रा से बन गयी फिर मीटर फिल्मों रहीं बॉक्स सैमसन चार जन किंग कांग और इस तरह मुमताज़ के ऊपर एक लेबल लगाया यह सिर्फ एक्शन हीरोज के साथ ही काम कर सकती है गौर करने वाली बात यह कि वह दौर रोमेंटिक फिल्मों
का दौर था ऐसे में कोई बड़ा प्रतिशत और बड़ा हीरो मुमताज़ के साथ क्यों काम करता है और धीरे धीरे स्पोर्टिंग रोज़ करते हुए मुमताज़ ने अपनी जगह मैन्स टीम रोमेंटिक सिनेमा में भी बना ली फ़िल्म मेरे सनम में उनके काम को सराहा गया और किस्मत वो प्रति खायी दिलीप कुमार की हीरोइन मुमताज़ को बनायी गयी फ़िल्म राम और श्याम में दिMumtaz Biographलीप साहब के साथ मुमताज़ का काम खुद सराहा गया मेरी दूरों
Mumtaz Biograph
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